दवाई दोस्त एक गैर लाभकारी पहल है, इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली जेनरिक दवाओं को किफायती दरों पर उपलब्ध कराना है, जिससे मरीजों को अधिकतम 85% तक की छूट मिलती है।

रांची में दवाई दोस्त प्रेमसन्स और बैरोलिया ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाता है, वर्तमान में, रांची में इसकी 22 शाखाएं हैं।

यदि आप खूंटी में रहते हैं और किफायती जेनरिक दवाओं की तलाश में हैं, तो आप दवाई दोस्त खूँटी ( बसंत काम्प्लेक्स- जयंत ज्वेलर्स के सामने) से संपर्क कर सकते हैं ।

जेनेरिक दवा और रेगुलर(ब्रांडेड) दवा 

जेनेरिक दवा (Generic Medicine) वह दवा है जो किसी ब्रांडेड दवा (Regular Medicine) के समान सक्रिय तत्व (Active Ingredient) और प्रभावशीलता (Effectiveness) रखती है, लेकिन यह ब्रांडेड नाम के बजाय एक सामान्य नाम से बेची जाती है।

जेनेरिक दवा और रेगुलर(ब्रांडेड) दवा में अंतर:

  1. कीमत (Cost):
  • जेनेरिक दवा आमतौर पर ब्रांडेड दवाओं की तुलना में बहुत सस्ती होती है क्योंकि इसमें ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खर्च नहीं किया जाता।
  • रेगुलर (ब्रांडेड) दवाओं की कीमत अधिक होती है क्योंकि उनका प्रचार-प्रसार, अनुसंधान (R&D), और पैकेजिंग पर अधिक खर्च किया जाता है।
  1. गुणवत्ता और प्रभावशीलता (Quality and Effectiveness):
  • जेनेरिक दवाएं और ब्रांडेड दवाएं दोनों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता एक समान होती है। जेनेरिक दवाएं भी नियामक मानकों (Regulatory Standards) को पूरा करती हैं।
  • फर्क केवल उनके नाम और पैकेजिंग का होता है।
  1. ब्रांडिंग (Branding):
  • जेनेरिक दवा को बिना किसी विशेष ब्रांड नाम के बेचा जाता है।
  • रेगुलर दवाएं किसी विशेष कंपनी के ब्रांड नाम से आती हैं।
  1. उपलब्धता (Availability):
  • जेनेरिक दवाएं सरकारी अस्पतालों और “जन औषधि केंद्रों” में अधिक आसानी से उपलब्ध होती हैं।
  • रेगुलर दवाएं निजी मेडिकल स्टोर्स में प्रमुखता से मिलती हैं।
  1. पेटेंट (Patent):
  • रेगुलर दवाएं पेटेंट सुरक्षा के अंतर्गत होती हैं, इसलिए केवल वही कंपनी उन्हें बना सकती है।
  • जब पेटेंट खत्म हो जाता है, तो अन्य कंपनियां उसी फॉर्मूले के साथ जेनेरिक दवा बना सकती हैं।

उदाहरण:

  • ब्रांडेड दवा: Crocin (पैरासिटामोल)
  • जेनेरिक दवा: Paracetamol

जेनेरिक दवा और रेगुलर (ब्रांडेड) दवा के बीच मुख्य अंतर उनके नाम और कीमत का है, लेकिन दोनों की गुणवत्ता और प्रभाव समान है। डॉक्टर से सलाह लेकर इन दवाओं का उपयोग करना चाहिए।

जेनेरिक और ब्रांडेड दवा की समानता की जाँच कैसे करें –

जेनेरिक और ब्रांडेड दवा की समानता की जाँच करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:


1. सक्रिय घटक (Active Ingredient) की जाँच करें

  • जेनेरिक और ब्रांडेड दवा में मुख्य समानता उनका सक्रिय घटक होता है, जो बीमारी के इलाज में काम करता है।
  • कैसे जाँचें:
  • दवा की पैकेजिंग या पर्ची (Prescription) पर लिखे Active Ingredient का नाम देखें।
  • दोनों दवाओं के सक्रिय घटक और उनकी मात्रा (जैसे 500mg) समान होनी चाहिए।

उदाहरण:

  • ब्रांडेड दवा: Crocin
  • जेनेरिक दवा: Paracetamol 500mg
    दोनों का सक्रिय घटक “Paracetamol” है।

2. दवा की ताकत (Strength) और खुराक (Dosage) की जाँच करें

  • ताकत और खुराक समान होनी चाहिए, जैसे 250mg, 500mg, आदि।
  • अगर ताकत और खुराक अलग है, तो प्रभाव अलग हो सकता है।

3. दवा का फ़ार्मूला (Formulation) देखें

  • दवा की फार्म (जैसे टैबलेट, सिरप, कैप्सूल) समान होनी चाहिए।
  • इसके अलावा, यह देखें कि दवा के साथ कोई अतिरिक्त घटक (जैसे, Binder या Coating) मौजूद है या नहीं।

4. नियामक अनुमोदन (Regulatory Approval)

  • भारत में जेनेरिक दवाओं को भी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) और अन्य नियामक संस्थाओं से स्वीकृति मिलती है।
  • ब्रांडेड और जेनेरिक दोनों दवाओं का उत्पादन लाइसेंस प्राप्त फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा किया जाता है।
  • आप “जन औषधि केंद्र” से खरीदी गई दवा पर भरोसा कर सकते हैं।

5. डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें

  • जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं की समानता के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें।
  • वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि दोनों दवाएं समान रूप से प्रभावी हैं।

6. ऑनलाइन डेटाबेस या ऐप्स का उपयोग करें

  • आप भारत में उपलब्ध CDSCO (Central Drugs Standard Control Organization) या “जन औषधि” ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
  • इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर आप दवा की जानकारी और समानता की जाँच कर सकते हैं।

7. कीमत की तुलना करें

  • जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि उनकी गुणवत्ता और सक्रिय घटक समान हैं।

महत्वपूर्ण:

  • दवा बदलने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
  • दवा खरीदते समय हमेशा मेडिकल स्टोर से उचित बिल लें।

यह जाँच प्रक्रिया आपको सही दवा का चुनाव करने में मदद करेगी।

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