छोटे शहरों और गाँवों में ऑनलाइन फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि यहाँ के लोग डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल तो कर रहे हैं लेकिन अक्सर जागरूकता की कमी होती है। निम्नलिखित तरीके आजकल ऑनलाइन फ्रॉड में सबसे अधिक प्रचलित हैं:

1. फिशिंग (Phishing) स्कैम्स

  • कैसे होता है:
    ठग फ़र्जी लिंक भेजते हैं जो असली बैंक या ऐप की तरह लगते हैं। जब व्यक्ति इन पर क्लिक करता है, तो उनकी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स और पासवर्ड, चुरा ली जाती है।
  • उदाहरण:
    “आपका KYC अपडेट नहीं है, तुरंत लिंक पर क्लिक करें।”

2. लॉटरी और नकली इनाम

  • कैसे होता है:
    ठग लोगों को कॉल या मैसेज भेजते हैं कि उन्होंने बड़ी लॉटरी या इनाम जीता है। इसके बदले प्रोसेसिंग फीस या टैक्स जमा करने को कहा जाता है।
  • लोग क्यों फंसते हैं:
    लालच और जानकारी की कमी।

3. यूपीआई और पेमेंट ऐप स्कैम्स

  • कैसे होता है:
    • फ़र्जी कस्टमर केयर नंबर गूगल पर डालकर ठग लोगों को कॉल करते हैं।
    • QR कोड भेजकर पैसे वापस करने का झांसा देते हैं, लेकिन पैसे उल्टे अकाउंट से कट जाते हैं।
  • उदाहरण:
    “गलती से आपके खाते में पैसे आ गए हैं, QR कोड स्कैन करें।”

4. सस्ता लोन और आसान निवेश स्कीम

  • कैसे होता है:
    सस्ते लोन और दोगुने पैसे की गारंटी देने वाले विज्ञापन दिखाकर ठग ऐप्स डाउनलोड करवाते हैं। इसके बाद प्रोसेसिंग फीस लेकर गायब हो जाते हैं।
  • लोग क्यों फंसते हैं:
    वित्तीय जरूरत और भरोसे की जल्दी।

5. नकली जॉब ऑफर्स

  • कैसे होता है:
    नौकरी के नाम पर पहले रजिस्ट्रेशन फीस ली जाती है और फिर कोई संपर्क नहीं किया जाता।
  • उदाहरण:
    “घर बैठे ₹20,000 कमाने का मौका। रजिस्ट्रेशन करें।”

6. ओटीपी और फोन कॉल फ्रॉड

  • कैसे होता है:
    • ठग बैंक अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और ओटीपी मांगते हैं।
    • इसे इस्तेमाल करके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं।
  • लोग क्यों फंसते हैं:
    जानकारी की कमी और डर कि उनका अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा।

7. फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट और ऑफर्स

  • कैसे होता है:
    सस्ते सामान के झांसे में लोग फर्जी वेबसाइट से खरीदारी करते हैं। न पैसा वापस मिलता है, न सामान।
  • उदाहरण:
    “₹10,000 का मोबाइल सिर्फ ₹1,999 में।”

बचने के उपाय:

  1. अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
  2. बैंक या यूपीआई ऐप्स की जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
  3. फर्जी कॉल्स और SMS से सतर्क रहें।
  4. ऑफिशियल ऐप्स और वेबसाइट्स का ही उपयोग करें।
  5. किसी को ओटीपी, पिन या पासवर्ड न बताएं।
  6. डिजिटल लेन-देन करते समय सावधानी बरतें।

अगर आप या आपके जानने वाले ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हुए हैं, तो तुरंत Cybercrime Helpline 1930 या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

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