खूंटी जिला झारखंड राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर, और ऐतिहासिक महत्व के कारण जाना जाता है। यहां के पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी:

1. पंचघाघ जलप्रपात

  • स्थान: खूंटी जिले के पास बनी नदी पर स्थित।
  • विवरण: पांच अलग-अलग जलधाराओं का संगम इसे विशेष बनाता है। यह स्थान पिकनिक और प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है। हरी-भरी घाटियां और तेज बहते जल की ध्वनि यहां की शांति और आकर्षण को बढ़ाती हैं।
  • स्थान: खूंटी से 15 किलोमीटर दूर

2. अंगराबारी (अमरेश्वर धाम)

  • स्थान: खूंटी जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित।
  • विवरण: यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। राम, सीता, हनुमान और गणेश की मूर्तियां भी यहां विराजमान हैं। महाशिवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा और मेला आयोजित किया जाता है।
  • स्थान: खूंटी से 10 किलोमीटर दूर

3. डोम्बारी बुरु

  • स्थान: तामार प्रखंड के पास।
  • विवरण: यह ऐतिहासिक पहाड़ी बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुए उलगुलान ((1840 का आदिवासी विद्रोह)) का केंद्र थी। इस स्थान पर अंग्रेजों और आदिवासियों के बीच संघर्ष हुआ था। यहां से खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य और घाटियां देखने को मिलती हैं।
  • स्थान: खूंटी के पास

4. रानी जलप्रपात

  • स्थान: तजना नदी पर स्थित।
  • विवरण: यह जलप्रपात अपनी शांत और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। आसपास के जंगल और पहाड़ इसे और भी खास बनाते हैं। यहां का वातावरण फोटोग्राफी और शांति के लिए उत्तम है।
  • स्थान: खूंटी से 30 किलोमीटर दूर

5. लतरातू डैम

  • स्थान: खूंटी के पास।
  • विवरण: यह डैम पिकनिक और वाटर स्पोर्ट्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां नौका विहार और मछली पकड़ने का आनंद लिया जा सकता है। डैम के आसपास का इलाका हरी-भरी घाटियों और पहाड़ों से घिरा हुआ है।
  • स्थान: खूंटी से 20 किलोमीटर दूर

6. पेरवाघाघ जलप्रपात

  • स्थान: छाता नदी पर।
  • विवरण: यह जलप्रपात अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह जगह पर्यटकों को ध्यान और आराम के लिए एक उपयुक्त स्थान प्रदान करती है।
  • स्थान: खूंटी के पास

7. उलिहातु गांव

  • स्थान: खूंटी जिले में।
  • विवरण: यह आदिवासी नेता और झारखंड के नायक बिरसा मुंडा का जन्मस्थान है। यहां उनके जीवन और संघर्ष को समर्पित एक स्मारक स्थल है। यह स्थान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है।
  • स्थान: खूंटी से 60 किलोमीटर दूर

8. बिरसा मृगविहार

  • स्थान: कालामाटी गांव के पास।
  • विवरण: यह हिरण अभयारण्य प्राकृतिक प्रेमियों के लिए एक विशेष आकर्षण है। जंगल सफारी और वन्यजीवों को नजदीक से देखने के लिए यह स्थान उत्तम है।
  • स्थान: कालामाटी गांव, खूंटी जिला

9. टैगोर हिल

  • स्थान: खूंटी से कुछ दूरी पर।
  • विवरण: रवींद्रनाथ टैगोर से जुड़ी इस पहाड़ी का साहित्यिक और ऐतिहासिक महत्व है। यहां से खूबसूरत सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखा जा सकता है।

10. धूमधाम सैर-सपाटे के लिए अन्य स्थान

  • सिरका जलप्रपात: खूंटी जिले में स्थित यह जलप्रपात भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
  • आम नदी का किनारा: यह स्थान ग्रामीण जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य के अनुभव के लिए प्रसिद्ध है।

क्यों जाएं खूंटी?

  • प्राकृतिक सौंदर्य: झरने, पहाड़ियां, और हरियाली से भरे जंगल।
  • सांस्कृतिक धरोहर: आदिवासी संस्कृति और बिरसा मुंडा से जुड़े स्थल।
  • धार्मिक महत्व: शिव मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल।

यात्रा का सही समय:

खूंटी की यात्रा के लिए मानसून और सर्दी का मौसम सबसे उपयुक्त होता है, जब झरने और हरियाली अपनी पूरी शोभा में होते हैं।

सुझाव:

  • स्थानीय गाइड के साथ यात्रा करें, ताकि यहां की संस्कृति और इतिहास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो सके।
  • जलप्रपातों पर सुरक्षा का ध्यान रखें, खासकर मानसून के दौरान।

खूंटी जिले की यह यात्रा प्रकृति प्रेमियों और इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगी।

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